कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?

गंगतोक में यूमथांग के आसपास भी श्वेत पताकाओं के फहराने का कमोबेश वही अर्थ है जो अन्य जगहों पर माना गया है अर्थात यह अवसर शोक प्रकट करने का होता है। वास्तव में सिक्किम में बौद्ध अनुयायी बहुतायत में रहते हैं। अपनों में से किसी बौद्ध की मृत्यु हो जाने पर व़हां के निवासी शोक प्रकट करने हेतु प्रतीक स्वरूप सफेद रंग की ध्वजा लगा देते हैं। इनकी संख्या गिनती में 108 होती है और इन्हें स्वयं नष्ट हो जाने तक छोड़ दिया जाता है। यानि गंगतोक के निवासियों द्वारा इसका विध्वंस नहीं किया जाता है।

वहीं गंगतोक में कोई नया कार्य करने के पूर्व चटख रंग के ध्वज वहाँ यूमथांग के पास लगाए जाते हैं। यानि रंग-बिरंगी पताकाएँ अन्य स्थानों की तरह गंगतोक में भी खुशी और उत्साह का प्रतीक मानी जाती हैं और इसी खुशी को प्रकट करने हेतु गंगतोक में किसी कार्य को शुरु करने से पूर्व रंग-बिरंगी पताकाओं का फहराना शुभ माना जाता है।


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